पितृ पक्ष हमे क्यों मनाना चाहिए, ओर क्यों पितृ पक्ष मनाया जाता है …
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Sep 29
ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो अक्सर लोग पूछते हैं व हमारे मन में जाने अनजाने में उठते हैं।
PITRU PAKSHA 2023 : पितृ पक्ष में बड़े संकेत देते हैं ये 4 जीव, आपके हाथ से खा लिया खाना तो समझो चमक जाएगी आपकी किस्मत!

- पितृ पक्ष का पर्व भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलता है. इस साल 29 सितंबर 2023 दिन शुक्र वार से पितृ पक्ष का शुभारंभ होगा. 4 जीव ऐसे हैं, जो पितृ पक्ष में पितरों के खुश और नाराज होने का संकेत देते हैं. जानते हैं उन 4 जीवों के बारे में ।
- पितृ पक्ष का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा से होता है, जो आश्विन अमावस्या तक 16 दिनों तक चलता है. इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर दिन शुक्रवार से प्रारंभ हो रहा है. पितृ पक्ष में पितरों के तर्पण, दान, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करते हैं, लेकिन आपको मालूम होना चाहिए कि पितृ पक्ष में कुछ ऐसे जीव हैं, जो बड़े संकेत देते हैं. वे बताते हैं कि आपके पितर आप से खुश हैं या नाराज हैं. इतना ही नहीं, यदि वे जीव आपके हाथ का दिया खाना खा लेते हैं तो समझ लीजिए कि आपकी किस्मत चमकने वाली है. अब हम आपको बताते हैं उन चार जीव जो पृथ्वी पर रहते हुए भी आपको पुण्य आत्माओं से मिलवाते हैं और सभी को प्रभावित भी करते हैं। पितृ पक्ष में बड़े संकेत देने वाले उन 4 जीवों के बारे में समझे और जानें।
पितृ पक्ष में बड़े संकेत देने वाले 4 जीव आपको बताते हैं उन चार जीव के बारे में।
- कौआ: पितृ पक्ष के समय में कौए की प्रतीक्षा उन सभी लोगों को होती है, जो अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं. कौआ जब आता है तो वह आपके पितरों से जुड़े संकेत देता है. यदि आपने अपने पितरों के लिए भोजन का अंश निकाला है और वह उसे खा लेता है तो ऐसा माना जाता रहा है की समझ लीजिए कि वह भोजन आपके पितरों को प्राप्त हो गया. उससे वे प्रसन्न और तृप्त हो जाते हैं और कोई भी जीव तृप्त हो जाता है तो वह तृप्त करने वाले को बीना आशीर्वाद दिए नही रह पाता ,और वे आपकी उन्नति, खुशहाली, वंश और धन में वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
आज से पितृ पक्ष शुरु, 16 दिन पितृ दोष उपाय, तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध तिथियां के दिन आरंभ हो रहें हैं।
यदि कौआ आपके दिए गए भोजन को नहीं खाता है तो वह अन्न पितरों को प्राप्त नहीं होता है ऐसा वर्ण न बताया गया है, इससे वे अतृप्त रह जाते हैं. अतृप्त और नाखुश पितर नाराज होकर चले जाते हैं.
- गाय: हिंदू धर्म में गाय एक पवित्र और पूज्यनीय जीव है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गाय में देवों का वास होता है. पितृ पक्ष के समय में आप गाय के लिए भोजन निकालते हैं और गाय माता उसे स्वीकार कर लेती है और वह उसे खा लेती है तो ऐसा माना जाता है कि वह पितरों को प्राप्त हो जाता है. यह संकेत हैं कि आपके पितर आप से प्रसन्न हैं.
- कुत्ता: पितृ पक्ष में पितरों तक भोजन पहुंचाने के लिए उनकी तिथि पर खाने का कुछ अंश कुत्ते को खिलाया जाता है. ऐसा बताया गया है कि इससे पितरों की आत्म तृप्त होती है और वे अपने वंश को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं.
- चींटी: पितृ पक्ष में पितरों की तिथि पर भोजन बनाया जाता है, फिर उस भोजन का एक अंश चींटियों को डाल देते हैं ताकि वे उसे खा लें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चीटियों के माध्यम से वह भोजन पितर प्राप्त करके तृप्त होते हैं. यदि ये जीव आपके दिए गए भोजन को ग्रहण नहीं करते हैं तो यह पितरों के अतृप्त रहने का संकेत होता है, ओर अतृप्त आत्माओं से कभी भी शुभ कामनाएं व सकारात्मकता की आशा नहीं हो सकतीं या की जा सकती है